सर्वनाम - हिंदी व्याकरण, sarvanam (सर्वनाम) अर्थ, भेद और उदाहरण

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प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त करने के लिए किसी भी विषय से सम्बंधित सामग्री को सिर्फ एक बार पढ़ना ही पर्याप्त नहीं होता हैं, बार बार पढ़ना पड़ता हैं। बार बार पढ़ने से मतलब रटना नहीं हैं बल्कि उसे समझना हैं।
नमस्कार दोस्तों मैं हु सुभशिव और  स्वागत है आपका हमारी वेबसाइट SUBHSHIV पर
आज हम आपके लिए लेकर आए हैं, हिंदी व्याकरण का अति महत्वपूर्ण टॉपिक सर्वनाम दोस्तों सर्वनाम टॉपिक से हर एग्जाम में questions पूछे जाते है।

इस टॉपिक की इंपोर्टेंस को देखते हुए हम लाए हैं आपके लिए सर्वनाम के अति महत्वपूर्ण नोट्स जो कि हिंदी व्याकरण subject  के एक्सपर्ट के द्वारा तैयार किए गए हैं 

तो दोस्तों हम आशा करते हैं की यह नोट्स आपके लिए उपयोगी साबित होंगे 
अगर नोट्स अच्छे लगे तो  शेयर कीजिए और सुझाव और शिकायत के लिए हमें कमेंट करके बताइए।

                         धन्यवाद

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सर्वनाम

सर्वनाम की परिभाषा :-

सर्वनाम शब्द का अर्थ सब का नाम होता हैं।
● वाक्य में संज्ञा की पुनरुक्ति को दूर करने के लिए संज्ञा के स्थान पर प्रयागे किए जाने वाले शब्दों को सर्वनाम कहतें हैं।
जैसे :- प्रिया विद्यालय जाती हैं। वह वहाँ पढ़ती हैं।
● पहले वाक्य में ‘प्रिया’ तथा ‘विद्यालय’ शब्द संज्ञाएँ  हैं।
● दूसरे वाक्य में ‘प्रिया’ के स्थान पर ‘वह’ तथा ‘विद्यालय’ के स्थान पर 'वहाँ' शब्द प्रयुक्त हुए हैं। 
● अतः ‘वह’ और ‘वहाँ शब्द, सर्वनाम हैं क्योंकि ये संज्ञाओं के स्थान पर प्रयुक्त हुए हैं इसलिए इन्हें सर्वनाम कहते हैं। 

सर्वनाम के प्रकार :-

सर्वनाम के भेद
सर्वनाम कितने प्रकार के होते हैं?
● सर्वनाम छः प्रकार के होते हैं :-
  1.पुरुषवाचक सर्वनाम :- ये तीन प्रकार के होते है :- (I) उत्तम पुरुषवाचक सर्वनाम  (II) मध्यम पुरुषवाचक सर्वनाम (III) अन्य पुरुषवाचक सर्वनाम
  2. निश्चयवाचक सर्वनाम
  3. अनिश्चयवाचक सवर्नाम
  4. प्रश्नवाचक सर्वनाम
  5. सम्बन्धवाचक सर्वनाम
  6. निजवाचक सर्वनाम

1.पुरुषवाचक सर्वनाम :-
● जिन सर्वनामों का प्रयोग बोलने वाले,सुनने वाले या अन्य किसी व्यक्ति के स्थान पर किया जाता है, उन्हें पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं। 
पुरुषवाचक सर्वनाम तीन प्रकार के होते हैं :-

(I) उत्तम पुरुषवाचक सर्वनाम :-

● वे सर्वनाम शब्द जिनका प्रयोग बोलने वाला व्यक्ति स्वयं अपने लिए करता है।
जैसे :- मैं, हम, मुझे, मेरा ,हमारा, हमें आदि।

(II) मध्यम पुरुषवाचक सर्वनाम :-

● वे सर्वनाम शब्द, जो सनुने वाले के लिए प्रयुक्त किये जाते हैं। 
जैसे :- तू, तुम, तुझे तुम्हें तेरा, आप, आपका, आपको आदि। 

नोट :- हिन्दी भाषा में अपने से बड़े या आदरणीय व्यक्ति के लिए ‘तुम’ की अपेक्षा ‘आप’ सर्वनाम का प्रयोग किया जाता हैं।

(III) अन्य पुरुषवाचक सर्वनाम :-

● वे सर्वनाम, जिनका प्रयोग बोलने तथा सुनने वाले व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति के लिए प्रयुक्त करते हैं। 
जैसे :- वह, वे, उन्हे, उसे,  इसे, उसका, इसका आदि।

2. निश्चयवाचक सर्वनाम :- 

● वे सर्वनाम, जो किसी निश्चित व्यक्ति या वस्तु का बोध कराते हैं, उन्हें निश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं। 
जैसे :- यह, वह, इसे, उसे, ये, वे आदि। 
‘वह’ आपकी गाय है’, वाक्य में ‘वह’ शब्द निश्चयवाचक सर्वनाम है। 
● इसी प्रकार ‘यह मेरा घर है’ में ‘यह’ शब्द निश्चयवाचक सर्वनाम है।

3.अनिश्चयवाचक सवर्नाम :-

● वे सर्वनाम शब्द, जिनसे किसी निश्चित वस्तु या व्यक्ति का बोध नहीं होता बल्कि अनिश्चय की स्थिति बनी रहती हैं उन्हें, अनिश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं। 
जैसे :- 'कोई' जा रहा है। वह 'कुछ' खा रहा है। 'किसी' ने कहा था। 
● वाक्यों में ‘कोई',  'कुछ', 'किसी' शब्द अनिश्चयवाचक सर्वनाम हैं।

4. प्रश्नवाचक सर्वनाम :- 

● वे सर्वनाम, जो प्रश्न का बोध कराते हैं या वाक्य को प्रश्नवाचक बना देते हैं उन्हें, प्रश्नवाचक सर्वनाम कहते हैं। 
जैसे :-
  ◆'कौन' गाना गा रही हैं ? 
  ◆वह 'क्या' लाया ? 
  ◆'किसकी' पुस्तक पड़ी है? 
● उक्त वाक्यों में 'कौन', 'क्या', 'किसकी' शब्द प्रश्नवाचक सर्वनाम हैं।

5. सम्बन्धवाचक सर्वनाम :-

● वे सर्वनाम जो, दो पृथक - पृथक बातों के सम्बन्ध को व्यक्त करते हैं उन्हें, सम्बन्धवाचक सर्वनाम कहते हैं। 
जैसे :- जो- वह, जो-सो, जिसकी-उसकी, जितना-उतना, आदि सम्बन्ध वाचक सर्वनाम हैं।
उदाहरण :- 
● जो पढ़ेगा सो पास होगा। 
● जितना गुड़ डालोगे उतना मीठा होगा।

6. निजवाचक सर्वनाम :-

● वे सर्वनाम, जिन्हें बोलने वाला कर्ता स्वयं अपने लिए प्रयुक्त करता हैं उन्हें, निजवाचक सर्वनाम कहते हैं। 
जैसे :- आप, अपना, स्वयं, खुद आदि निजवाचक सर्वनाम हैं।
उदाहरण :-
  ◆ मैं अपना खाना बना रहा हूँ । 
  ◆ तुम अपनी पुस्तक पढ़ो आदि 
● वाक्यों में ‘अपना’, ‘अपनी’ शब्द निजवाचक सर्वनाम हैं।

सर्वनाम का प्रयोग कब किया जाता है और क्यों?
● जब किसी वाक्य में संज्ञा के शब्दों की बार पुनरावृत्ति होती हैं तब उस वाक्य में संज्ञा शब्दों के स्थान पर सर्वनाम का प्रयोग किया जाता हैं।
● वाक्य में सर्वनाम का प्रयोग वाक्यों को सुंदर तथा छोटा बनानें के लिये किया जाता है।
संज्ञा के शब्दों की पुनरावृत्ति को रोकने के लिये सर्वनाम का प्रयोग किया जाता है।

सर्वनाम शब्द कौन कौन से हैं?
 मैं, हम, मुझे, मेरा ,हमारा, हमें आदि उत्तम पुरुष वाचक सर्वनाम शब्द हैं।
● तू, तुम, तुझे तुम्हें तेरा, आप, आपका, आपको आदि मध्यम पुरुष वाचक सर्वनाम शब्द हैं।
● वह, वे, उन्हे, उसे,  इसे, उसका, इसका आदि अन्य पुरूष वाचक सर्वनाम शब्द हैं।
● यह, वह, इसे, उसे, ये, वे आदि निश्चिय वाचक सर्वनाम शब्द हैं।
● कोई , कुछ आदि अनिश्चय वाचक सर्वनाम शब्द हैं।
● क्या , कोन, किसका, किसकी आदि प्रश्नवाचक सर्वनाम शब्द हैं।
● जो- वह, जो-सो, जिसकी-उसकी, जितना-उतना, आदि सम्बन्ध वाचक सर्वनाम शब्द हैं।
● आप, अपना, स्वयं, खुद आदि निजवाचक सर्वनाम शब्द हैं।

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