Nobel Prize 2021 List |Nobel Prize winners List

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नोबेल पुरस्कार


नोबेल पुरस्कार हर वर्ष निम्न कमेटियों द्वारा प्रदान किया जातें हैं :- 


👉 रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेस

👉 द स्वीडिश एकेडमी

👉 दकारोलिंस्का इंस्टीट्यूट

👉 द नॉर्वेजियन नोबेल 


● नोबेल पुरस्कार हर वर्ष उन लोगों और संस्थाओं को प्रदान की जाती है जिन्होंने चिकित्सा, भौतिकी, रसायन विज्ञान, साहित, शांति, अर्थशास्त्र के क्षेत्र में अद्वितीय योगदान दिया हो।

नोबेल पुरस्कारों की स्थापना अल्फ्रेड नोबेल की वसीयत के मुताबिक 1895 में हुई थी।

अल्फ्रेड नोबेल की वसीयत के मुताबिक नोबेल पुरस्कारों का प्रशासन के कार्य या मुख्य कार्य नोबेल फाउंडेशन द्वारा देखा जायेगा। 

अर्थशास्त्र के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कारों की शुरुआत 1968 में स्वीडन की केंद्रीय बैंक स्वेरिंज रिक्सबैंक द्वारा की की गई थी। 

● यह पुरस्कार अर्थशास्त्र के क्षेत्र में अद्वितीय कार्य करने वाले लोगों और संस्थाओं को हर वर्ष दिया जाता है।

● हर पुरस्कार 🎁 विजेता को पुरुस्कार निम्न रूप में दियें जातें हैं :- 



🎁 मेडल (एक)

🎁 डिप्लोमा (एक)

🎁 मोनेटरी एवार्ड (एक)


● सन 1901 में, प्रथम नोबेल पुरस्कार विजेता को पुरस्कार स्वरूप में 150,782 स्वीडिश क्रोन प्रदान किये गए, जो 2007 के अनुसार 7,731,004 स्वीडिश क्रोन के बराबर है।

● वर्ष 2008 में, विजेताओं को पुरस्कार में 10,000,000 स्वीडिश क्रोन की राशि पुरस्कार में दी गई.

● पुरस्कार Stockholm में 10 दिसंबर को आयोजित एक समारोह में प्रदान किया जाता है।


10 दिसंबर को ही अल्फ्रेड नोबेल का निधन हुआ था।


● वर्ष 2008 तक 789 लोगों और 20 संस्थाओं को नोबेल पुरस्कार प्रदान किया जा चुका है, इसमें 62 अर्थशास्त्र में पुरस्कार पाने वाले भी शामिल हैं।

● 4 नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले व्यक्तियों को उनके सरकारों द्वारा पुरस्कार स्वीकार करने की इजाजत नहीं मिली।

● अडोल्फ हिटलर ने तीन जर्मनों, रिचर्ड कुहन (रसायनशास्त्र, 1938), अडोल्फ बुटेनंट (रसायनशास्त्र, 1939), एवं गरहार्ड डोमाग्क (औषधी, 1939), और सोवियत यूनियन की सरकार ने बोरिस पास्टरनाक (साहित्य, 1958) को पुरस्कार नहीं लेने के लिए दबाव डाला।

● दो नोबेल पुरस्कार विजेताओं जीन-पॉल सारत्रे (साहित्य, 1964) और ली डक थो (शांति, 1973) ने पुरस्कार लेने से इनकार कर दिया।

● सारत्रे ने किसी भी आधिकारिक सम्मान को लेने से मना कर दिया तो वहीं ली डक थो ने वियतनाम में खराब स्थिति के कारण पुरस्कार से मना कर दिया।

● छह विजेताओं ने एक से अधिक बार नोबेल पुरस्कार जीता. इनमें, द इंटरनेशनल कमिटी ऑफ द रेड क्रॉस सोसाइटी ने तीन बार नोबेल शांति पुरस्कार जीता, जो किसी अन्य से ज्यादा है।

809 नोबेल विजताओं में 35 महिलाएं शामिल हैं।

●  पहली महिला नोबेल पुरस्कार विजेता मेरी क्यूरी थी, जिन्होंने 1903 में भौतिकी के लिए नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया।


वर्ष 1940 और 1942 में द्वितीय विश्वयुद्ध के कारण पुरस्कार नहीं दिए गए थे।




नोबेल पुरस्कार वितरण समारोह प्रत्येक साल 10 दिसंबर को आयोजित किए जाते हैं । क्योंकि वर्ष 1896 को इसी दिन ( 10 दिसंबर) अल्फ्रेड नोबेल की मृत्यु हुई थी ।

यानी कि नोबेल पुरस्कार अल्फ्रेड नोबेल की मृत्यु दिवस पर दिया जाता है।

शांति नोबेल पुरस्कार विजेता के अलावा और सभी क्षेत्रों के नोबेल पुरस्कार विजेताओं को स्टॉकहोम, स्वीडन में पुरस्कार दिया जाता है । नोबेल शांति पुरस्कार विजेता को ओस्लो, नॉर्वे में पुरुस्कार से समान्नित किया जाता है ।

नोबेल पुरस्कार शुरू में पाँच क्षेत्रों (भौतिकी, रसायन विज्ञान, चिकित्सा, शांति और साहित्य) के लिए दिए गए थे । बाद में 1968-69 में अर्थशास्त्र के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार शुरू किया गए थे।इस पुरस्कार के प्रथम प्राप्तकर्ता नार्वे के रैगनार फ्रिस्च और नीदरलैंड के जन टिनबेर्गेन बने थे ।




नोबेल पुरस्कार 2021

क्र. सं.

पुरस्कार

पुरस्कार प्राप्त कर्ता

1

चिकित्सा का नोबेल

डेविड जूलियस और अर्दुम पेटापोसियन

2

भौतिकी का नोबेल

सुकुरो मनाबे, क्लॉस हासेलमैन तथा जियोर्जियो पेरिस

3

रसायन का नोबेल

बेंजामिन लिस्ट और डेविड डब्ल्यूसी मैकमिलन

4

साहित्य का नोबेल

अब्दुर्रज्जाक गुरनाह

5

शांति का नोबेल

मारिया रसा और दिमित्री मुराटोव

6

अर्थशास्त्र का नोबेल

डेविड कार्ड, जोशुआ डी एंग्रिस्ट, गुइडो डब्ल्यू इम्बेन्स



चिकित्सा का नोबेल पुरुस्कार 2021 :-

● अमेरिकी वैज्ञानिक डेविड जूलियस और अर्दुम पेटापोसियन को इस साल के मेडिसिन के नोबेल पुरस्कार के लिए चुना गया है।

उन्हें यह सम्मान तापमान और स्पर्श के लिए 'रिसेप्टर्स' की खोज के लिए दिया गया था।

चिकित्सा के नोबेल पुरस्कार की घोषणा की गई है। अमेरिका के डेविड जूलियस और अर्धम पटापुटियन को वर्ष 2021 के मेडिसिन के नोबेल पुरस्कार का संयुक्त विजेता घोषित किया गया है। 

● उन्हें यह प्रतिष्ठित पुरस्कार शरीर में तापमान और स्पर्श के रिसेप्टर्स की खोज के लिए दिया गया है।

नोबेल समिति के महासचिव थॉमस पर्लमैन ने सोमवार को पुरस्कार की घोषणा की।

● नोबेल समिति के पैट्रिक अर्नफोर्स ने कहा कि जूलियस ने तंत्रिका संवेदक की पहचान करने के लिए काली मिर्च के सक्रिय संघटक कैप्साइसिन की मदद ली। त्वचा इस तंत्रिका संवेदक से गर्मी का जवाब देती है।

● "पेटापोचियन ने कोशिकाओं में दबाव और संवेदनशील सेंसर पाया जो यांत्रिक उत्तेजना का जवाब देते हैं,"।

पर्लमैन ने कहा, 'इन शोधों ने वास्तव में प्रकृति के एक महान रहस्य का खुलासा किया है। यह खोज हमारे अस्तित्व के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

● पिछले साल दोनों ने संयुक्त रूप से न्यूरोसाइंस के लिए कावली पुरस्कार जीता था।

● इस पुरस्कार में विजेता को एक स्वर्ण पदक और 10 मिलियन स्वीडिश क्रोनर (US$ 1.14 मिलियन )


वर्ष 2020 का चिकित्सा नोबेल पुरस्कार संयुक्त रूप से तीन वैज्ञानिकों हार्वे जे ऑल्टर (Harvey J Alter), चार्ल्स एम. राइस (Charles M Rice) और माइकल ह्यूटन (Michael Houghton) को दिया गया था।


भौतिकी का नोबेल पुरुस्कार 2021 :-


जापान, जर्मनी और इटली के तीन वैज्ञानिकों को इस साल संयुक्त रूप से जलवायु परिवर्तन की समझ बढ़ाने सहित जटिल प्रणालियों पर उनके काम के लिए भौतिकी में नोबेल पुरस्कार के लिए चुना गया था। 

जापान के 90 वर्षीय सुकुरो मनाबे और जर्मनी के 89 वर्षीय क्लॉस हासेलमैन को पृथ्वी की जलवायु के भौतिक मॉडलिंग, परिवर्तनशीलता के माप और ग्लोबल वार्मिंग के पूर्वानुमानों की सटीकता के क्षेत्र में उनके काम के लिए चुना गया था। 

● इस बीच, इटली के 73 वर्षीय जियोर्जियो पेरिस को इस साल भौतिकी में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा, जो परमाणु से लेकर ग्रहों के मापदंडों तक भौतिक प्रणालियों में विकार और उतार-चढ़ाव की बातचीत की खोज के लिए होगा।

रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने स्कोरो मानेबे, क्लॉस हैसलमैन और जॉर्जियो पेरिसी को भौतिकी के लिए 2021 के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा की है। 

● जटिल भौतिक प्रणालियों की समझ में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित करने का निर्णय लिया गया है।

● नामों की घोषणा करते हुए, जूरी ने नोट किया कि सुकुरो मनाबे ने दिखाया कि कैसे वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड के स्तर में वृद्धि से पृथ्वी की सतह पर तापमान में वृद्धि होती है। उनके काम ने वर्तमान जलवायु मॉडल के विकास की नींव रखी।

मनाबे और हैसलमैन को पृथ्वी की जलवायु के भौतिक मॉडलिंग, परिवर्तनशीलता के माप और ग्लोबल वार्मिंग के पूर्वानुमानों की सटीकता के क्षेत्र में उनके काम के लिए चुना गया था। 

● जबकि, पेरिसी को इस पुरस्कार के लिए परमाणु से लेकर ग्रहीय मापदंडों तक भौतिक प्रणालियों में विकार और उतार-चढ़ाव की बातचीत की खोज के लिए चुना गया था।


वर्ष 2020 का भौतिकी का नोबेल पुरस्कार अमेरिकी वैज्ञानिक एंड्रिया गेज़, ब्रिटेन के रोजर पेनरोज़ और जर्मनी के रेनार्ड जेनज़ेल को दिया गया था।


रसायन का नोबेल पुरुस्कार 2021 :- 


● जर्मनी के बेंजामिन लिस्ट और स्कॉटलैंड में जन्मे डेविड डब्ल्यूसी मैकमिलन ने साल 2021 में रसायन शास्त्र के क्षेत्र में दिया जाने वाला नोबेल पुरस्कार अपने नाम किया।

● नोबेल समिति ने अणुओं के विकास का नया तरीका खोज निकालने के लिए उन्हें इस पुरस्कार से नवाजे जाने की घोषणा की।

रसायन विज्ञान का नोबेल पुरस्कार का एलान कर दिया गया। 

● इस बार यह पुरस्कार मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट के जर्मन वैज्ञानिक बेंजामिन लिस्ट और स्कॉटलैंड में जन्मे प्रिंस्टन यूनिवर्सिटी के डेविड डब्ल्यूसी मैकमिलन को दिया गया है। 

● उन्हें यह सम्मान ‘एसिमेट्रिक ऑर्गेनोकैटलिसिस’ के रूप में पहचाने जाने वाले अणुओं के निर्माण के लिए एक नया तरीका विकसित करने में उनके उल्लेखनीय कार्य के लिए दिया गया है। 

● इसका इस्तेमाल दवाओं से लेकर खाने के स्वाद तक सब कुछ बनाने के लिए किया जा सकता है।

● विजेताओं की घोषणा रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज के महासचिव गोरान हैन्सन ने की। 

नोबेल पैनल ने कहा कि लिस्ट और मैकमिलन ने 2000 में स्वतंत्र रूप से कैटेलिसिस (उत्प्रेरक) का एक नया तरीका विकसित किया था। 

● पैनल के एक सदस्य पर्निला विटुंग - स्टाफशेड ने कहा कि यह पहले से ही मानव जाति को काफी लाभान्वित करता रहा है।

● घोषणा होने के बाद लिस्ट ने अपनी पहली प्रतिक्रिया में कहा कि उन्हें इस पुरस्कार पर बेहद आश्चर्य हो रहा है, क्योंकि मुझे इसकी उम्मीद नहीं थी। 

● उन्होंने कहा कि जब स्वीडन से फोन आया तो वे अपने परिवार के साथ एम्स्टर्डम में छुट्टियां मना रहे थे। 

● बता दें कि इस पुरस्कार के जरिए अकसर उन कार्यों को सम्मानित किया जाता है, जिनका आज व्यावहारिक रूप से विस्तृत उपयोग हो रहा है।

● इन दोनों वैज्ञानिकों ने अणु निर्माण के लिए एक सटीक और नया उपकरण विकसित किया है। 

● इस उपकरण का फार्मास्युटिकल शोध पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ा है। दोनों वैज्ञानिकों ने जिस तीसरे तरह के कैटेलिसिस (उत्प्रेरक) की खोज की है वह केमिस्ट के लिए मौलिक उपकरण है। 

● इससे पहले शोधकर्ता लंबे समय तक मानते रहे हैं कि सिद्धांत रूप में सिर्फ दो तरह के उत्प्रेरक ही उपलब्ध हैं, पहला धातु और दूसरा एंजाइम। 

● बेंजामिन लिस्ट और डेविड मैकमिलन ने एक-दूसरे से स्वतंत्र रहकर तीसरे प्रकार के उत्प्रेरक की खोज की, जिसे ‘एसिमेट्रिक ऑर्गेनोकैटलिसिस’ कहा जाता है। यह छोटे कार्बनिक अणुओं पर बनता है।


वर्ष 2020 का रसायन नोबेल पुरस्कार

फ्राँस की इमैनुएल चार्पेंटियर (Emmanuelle Charpentier) और संयुक्त राज्य अमेरिका की जेनिफर ए डौडना (Jennifer A Doudna) को दिया गया था।



साहित्य का नोबेल पुरस्कार 2021 :-

● तंजानिया में जन्मे अब्दुर्रज्जाक गुरनाह को साल 2021 के साहित्य के नोबेल पुरस्कार के लिए चुना गया है। 

उपनिवेशवाद के प्रभावों और बिना किसी समझौता के करुणा के साथ शरणार्थियों की समस्या को दर्शाने के लिए उन्हें इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।

अब्दुर्रज्जाक को उपनिवेशवाद के प्रभावों और संस्कृतियों और महाद्वीपों के बीच की खाई में शरणार्थियों की स्थिति के करुणामय चित्रण के लिए सम्मानित किया गया है। 

उनके उपन्यासों में शरणार्थियों का मार्मिक वर्णन है।

अब्दुर्रज्जाक गुरनाह का जन्म 1948 में तंजानिया के ज़ांज़ीबार में हुआ था। लेकिन वह 1960 के दशक के अंत में एक शरणार्थी के रूप में इंग्लैंड पहुंचे। 

● सेवानिवृत्ति से पहले वे केंट विश्वविद्यालय, कैंटरबरी में अंग्रेजी और उत्तर औपनिवेशिक साहित्य के प्रोफेसर थे।

● गुरनाह के चौथे उपन्यास 'पैराडाइज' (1994) ने उन्हें एक लेखक के रूप में पहचान दिलाई। यह उन्होंने 1990 के आसपास पूर्वी अफ्रीका की एक शोध यात्रा के दौरान लिखा था। यह एक दुखद प्रेम कहानी है जिसमें दुनिया और विश्वास एक-दूसरे से टकराते हैं।


शरणार्थियों का मार्मिक वर्णन:-

अब्दुर्रज्जाक द्वारा वर्णित शरणार्थी अनुभव शायद ही कभी देखा जाता है। वह पहचान और आत्म-छवि पर केंद्रित है। उनके चरित्र खुद को संस्कृतियों और महाद्वीपों के बीच पाते हैं, एक ऐसे जीवन में जहां ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न होती हैं जिन्हें हल नहीं किया जा सकता है।

अब्दुर्रज्जाक गुरनाह ने 10 उपन्यास और कई लघु कथाएँ प्रकाशित की हैं। उनके लेखन में शरणार्थियों की समस्याओं का अधिक वर्णन किया गया है। 

● उन्होंने 21 साल की उम्र में लिखना शुरू कर दिया था, हालांकि उनकी लेखन भाषा शुरू में स्वाहिली थी। बाद में उन्होंने अंग्रेजी को अपने साहित्यिक लेखन का माध्यम बनाया।


वर्ष 2020 का साहित्य नोबेल पुरस्कार

संयुक्त राज्य अमेरिका की कवयित्री लुईस ग्लूक (Louise Gluck) को प्रदान किया गया था।



शांति का नोबेल पुरस्कार 2021 :-


● फिलीपीन की पत्रकार मारिया रसा और रूसी पत्रकार दिमित्री मुराटोव को 2021 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए चुना गया है।

● यह पुरस्कार उन्हें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए उनके संघर्ष के लिए दिया गया है।

● विजेताओं की घोषणा नॉर्वेजियन नोबेल समिति के अध्यक्ष बेरिट रीस-एंडरसन ने की।

● विजेताओं का चयन करने वाली नॉर्वेजियन समिति ने कहा कि दोनों पत्रकारों ने फिलीपींस और रूस में "अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा" के लिए अपनी पूरी भावना और बहादुरी के साथ लड़ाई लड़ी।

● समिति ने कहा, "स्वतंत्र, निष्पक्ष और तथ्य-आधारित पत्रकारिता सत्ता के दुरुपयोग, झूठ और युद्ध से बचाने का काम करती है।"

● अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और प्रेस की स्वतंत्रता के बिना, राष्ट्रों के बीच भाईचारे और निरस्त्रीकरण को बढ़ावा देना बेहद मुश्किल होगा।

रसा ने कहा, 'तथ्यों के बिना कुछ भी संभव नहीं है। तथ्यों के बिना दुनिया बिल्कुल वैसी ही है जैसी बिना सच्चाई और विश्वास के होती।

● इस पुरस्कार में विजेता को एक स्वर्ण पदक और 10 मिलियन स्वीडिश क्रोनर (US$ 1.14 मिलियन डॉलर प्रदान किया जाता है।


वर्ष 2020 का शान्ति नोबेल पुरस्कार

संयुक्त राष्ट्र के ‘विश्व खाद्य कार्यक्रम’ (World Food Programme-WFP) को प्रदान किया गया था।


अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार :- 2021


● इस साल अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार अमेरिका स्थित तीन अर्थशास्त्रियों ने जीता है। 

● ये तीन अर्थशास्त्री हैं - 

  1. डेविड कार्ड (David Card)

  2. जोशुआ डी एंग्रिस्ट (Joshua Angrist) 

  3. गुइडो डब्ल्यू इम्बेन्स (Guido Imbens)

● इन्हें अनपेक्षित प्रयोगों, या तथाकथित "नेचुरल एक्सपेरिमेंट्स" से निष्कर्ष निकालने पर काम करने के लिए अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार मिला है।

● पुरस्कार का 50 फीसदी डेविड कार्ड को दिया गया है और दूसरा आधा हिस्सा संयुक्त रूप से एंग्रिस्ट और इम्बेन्स को दिया गया।

● डेविड कार्ड बर्कले में कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय से हैं। 

● वहीं जोशुआ एंग्रिस्ट, मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से और गुइडो इम्बेन्स स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से हैं। 

● कार्ड कनाडाई मूल के हैं, एंग्रिस्ट एक अमेरिकी नागरिक हैं जबकि इम्बेन्स की राष्ट्रीयता डच है।



क्या किया ऐसा खास :- 


रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने कहा कि तीनों ने इकनॉमिक साइंसेज में अनुभवजन्य /प्रयोगसिद्ध कार्य को पूरी तरह से नया रूप दिया है। 

आर्थिक विज्ञान समिति के अध्यक्ष पीटर फ्रेड्रिक्सन ने कहा, ‘‘समाज के लिए अहम सवालों के संबंध में कार्ड के अध्ययन और एंग्रिस्ट और इम्बेन्स के पद्धतिगत योगदान से पता चला है कि प्राकृतिक प्रयोग, ज्ञान का एक समृद्ध स्रोत हैं। उनके शोध ने महत्वपूर्ण सवालों के जवाब देने की हमारी क्षमता में काफी सुधार किया है, जो समाज के लिए बहुत फायदेमंद है।’’



वर्ष 2020 का अर्थशास्त्र नोबेल पुरस्कार अमेरिकी अर्थशास्त्री पॉल मिल्ग्राॅम (Paul Milgrom) एवं रॉबर्ट विल्सन (Robert Wilson) को प्रदान किया गया था।


भारतीयों का योगदान :- 

● कवि और लेखक रवींद्रनाथ टैगोर वर्ष 1913 में साहित्य के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार पाने वाले पहले गैर-यूरोपीय और भारतीय थे।

● भारत को वर्ष 1930 में भौतिकी के क्षेत्र में पहला नोबेल पुरस्कार मिला, जब वैज्ञानिक सर चंद्रशेखर वेंकट रमन को "प्रकाश के प्रकीर्णन पर उत्कृष्ट कार्य के लिये और उनके नाम पर प्रभाव की खोज के लिये" सम्मानित किया गया था। इस घटना को अब रमन प्रभाव के रूप में जाना जाता है।

हर गोबिंद खुराना (Har Gobind Khorana) को वर्ष 1968 में चिकित्सा के क्षेत्र में रॉबर्ट डब्ल्यू हॉली (Robert W Holley) और मार्शल डब्ल्यू निरेनबर्ग (Marshall W Nirenberg) के साथ सयुंक्त रूप से “प्रोटीन संश्लेषण में आनुवंशिक कोड और इसके कार्य की व्याख्या के लिये“ नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

● मदर टेरेसा (Mother Teresa) ने वर्ष 1979 का नोबेल शांति पुरस्कार जीता। वह एक रोमन कैथोलिक नन थीं जो अल्बानिया में पैदा हुई थीं। उन्होंने कोलकाता में मिशनरीज़ ऑफ चैरिटी की स्थापना की और अपना सारा जीवन गरीबों की सेवा में लगा दिया। 

● मदर टेरेसा भारतीय नागरिक भी बनीं। उन्हें "पीड़ित मनुष्यों की मदद करने" के लिये पुरस्कार मिला।

● भारतीय भौतिक विज्ञानी सुब्रह्मण्यम चंद्रशेखर (Subrahmanyan Chandrasekhar) को वर्ष 1983 में भौतिकी का नोबेल पुरस्कार दिया गया, उन्हें यह पुरस्कार भौतिक विज्ञानी विलियम अल्फ्रेड फाउलर (William Alfred Fowler) के साथ संयुक्त रूप से मिला था। 

सुब्रह्मण्यम चंद्रशेखर (Subrahmanyan Chandrasekhar) को  "तारों की संरचना और विकास के लिये महत्त्वपूर्ण भौतिक प्रक्रियाओं के सैद्धांतिक अध्ययन के लिये" सम्मानित किया गया था।

अमर्त्य सेन को वर्ष 1998 में अर्थशास्त्र के क्षेत्र में स्वीरिजेज रिक्सबैंक पुरस्कार (Sveriges Riksbank Prize) प्रदान किया गया। 

● अमर्त्य सेन को "कल्याणकारी अर्थशास्त्र में उनके योगदान के लिये" पुरस्कृत किया गया था।

रसायन विज्ञान के क्षेत्र में भारत के वेंकटरामन रामकृष्णन (Venkatraman Ramakrishnan) को  पहला नोबेल पुरस्कार मिला। 

वेंकटरामन रामकृष्णन (Venkatraman Ramakrishnan) को यह पुरस्कार राइबोसोम की संरचना और इस कार्य के अध्ययन के लिये वर्ष 2009 में नोबेल पुरस्कार मिला। 

वेंकटरामन रामकृष्णन (Venkatraman Ramakrishnan) को यह पुरस्कार थॉमस ए स्टिट्ज़ (Thomas A Steitz) और एडा ई योनथ (Ada E Yonath) के साथ सयुंक्त रूप से दिया गया।

● भारत के बाल अधिकार कार्यकर्त्ता कैलाश सत्यार्थी (Kailash Satyarthi) और पाकिस्तान की मलाला यूसुफज़ई (Malala Yousafzai) को वर्ष 2014 में संयुक्त रूप से नोबेल शांति पुरस्कार प्रदान किया गया। उन्हें यह पुरस्कार "बच्चों और युवाओं के दमन के खिलाफ उनके संघर्ष के लिये तथा सभी बच्चों की शिक्षा के अधिकार" के लिये दिया गया था।

● भारतीय-अमेरिकी अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी (Abhijit Banerjee), एस्थर डुफ्लो (Esther Duflo) और माइकल क्रेमर (Michael Kremer) को अर्थशास्त्र के क्षेत्र में सयुंक्त रूप से नोबेल पुरस्कार दिया गया। तीनों को “ वैश्विक गरीबी को कम करने के लिये प्रायोगिक दृष्टिकोण (Experimental Approach to Alleviating Global Poverty)” विषय पर विस्तृत शोध के लिये यह पुरस्कार दिया गया था।

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