तत्सम और तद्भव शब्द - हिंदी व्याकरण । परिभाषा,भेद, उदहारण । tatsam , tadbhav shabd

तत्सम और तद्भव शब्द  - हिंदी व्याकरण । परिभाषा,भेद, उदहारण । tatsam , tadbhav shabd

तत्सम और तद्भव शब्द  - हिंदी व्याकरण । परिभाषा,भेद, उदहारण । tatsam and tadbhav shabd
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स्वागत है आपका हमारी वेबसाइट पर नमस्कार दोस्तों आज हम आपके लिए हिंदी व्याकरण एक टॉपिक तत्सम और तदभव शब्द ।
दोस्तो यह टॉपिक हिंदी व्याकरण की दृष्टि तथा प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए अति महत्वपूर्ण है
इस टॉपिक को टायपिंग करते वक्त पूर्ण सावधानी बरती गई हैं। फिर भी कोई गलती हो या आपको कोई सुझाव देना हो तो कमेंट करके बतायें ।
धन्यवाद ।


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तत्सम और तद्भव

तत्सम शब्द :-

● किसी भाषा में प्रयुक्त उसकी मूल भाषा के शब्दों को तत्सम शब्द कहते हैं। 
● हिन्दी की मूल भाषा (संस्कृत) के वे शब्द, जो हिन्दी में ज्यों के त्यों प्रयुक्त होते हैं, उन्हें तत्सम शब्द कहते हैं।
जैसे :- अट्टालिका, अर्पण, आम्र, उष्ट्र, कर्ण, गर्दभ, क्षत्रे। 
● इनमें शब्दों में ध्वनि परिवर्तन नहीं होता है।
● तत्सम दो शब्दों से मिलकर बना है – तत +सम , जिसका अर्थ होता है ज्यों का त्यों। 

तद्भव शब्द:-

● उच्चारण की सुविधानुसार संस्कृत के वे शब्द, जिनका हिन्दी में रूप परिवतिर्त हो गया, हिन्दी में तदभव शब्द कहलाते हैं।
● जैसे - चंद्र से चाँद, अग्नि से आग, जिहवा से ‘जीभ’ आदि बने शब्द तदभव शब्द कहलाते हैं। 

तत्सम और तद्भव शब्दों को पहचानने के नियम :-

(1) तत्सम शब्दों के पीछे ‘ क्ष ‘ वर्ण का प्रयोग होता है और तद्भव शब्दों के पीछे ‘ ख ‘ या ‘ छ ‘ शब्द का प्रयोग होता है।
(2) तत्सम शब्दों में ‘ श्र ‘ का प्रयोग होता है और तद्भव शब्दों में ‘ स ‘ का प्रयोग हो जाता है।
(3) तत्सम शब्दों में ‘ श ‘ का प्रयोग होता है और तद्भव शब्दों में ‘ स ‘ का प्रयोग हो जाता है।
(4) तत्सम शब्दों में ‘ ष ‘ वर्ण का प्रयोग होता है।
(5) तत्सम शब्दों में ‘ ऋ ‘ की मात्रा का प्रयोग होता है।
(6) तत्सम शब्दों में ‘ र ‘ की मात्रा का प्रयोग होता है।
(7) तत्सम शब्दों में ‘ व ‘ का प्रयोग होता है और तद्भव शब्दों में ‘ ब ‘ का प्रयोग होता है।

तत्सम-तद्भव शब्दो की सचूी: -


तत्सम
तद्भव
अकार्य
अकाज
अग्नि
आग
अक्षय
आखा
अक्षर
अच्छर/आखर
अग्रवर्ती
अगाड़ी
अक्षत
अच्छत
अक्षि
आँख
अच्युत
अचूक
अग्र
आगे
अज्ञान
अजान
अगम्य
अगम
अज्ञानी
अनजाना
अद्य
आज
अन्धकार
अँधेरा
अन्ध
अँधेरा
अन्न
अनाज
अट्टालिका
अटारी
अन्यत्र
अनत
अमावस्या
अमावस
अमूल्य
अमोल
अनार्य
अनाड़ी
अमृत
अमिय/अमीय
अम्लिका
इमली
अर्पण
अरपन
अवगुण
औगुण
अष्ट
आठ
अष्टादश
अठारह
अर्क
आक/अरक
अर्द्ध
आधा
अवतार
औतार
अश्रु
आँसू
अगणित
अनगिनत
आभीर
अहीर
आदेश
आयस
आमलक
आँवला
आम्र
आम
आखेट
अहेर
आश्चर्य
अचरज
आम्रचूर्ण
अमचूर
आर्य
आरज
आलस्य
आलस
आदित्यवार
इतवार
अग्रणी
अगाड़ी
आश्विन
आसोज
आश्रय
आसरा
आशीष
असीस
उलूक
उल्लू
उपालम्भ
उलाहना
उज्ज्वल
उजला
उत्साह
उछाह
उद्र्वतन
उबटन
उच्च
ऊँचा
इक्षु
ईख
इष्टिका
ईंट
कांचन
कंचन
किंचित
कछु
कीर्ति
कीरति
कृषक
किसान
कृष्ण
किसन/कान्ह
कोण
कोना
कोकिल
कोयल
कन्दुक
गेंद
क्रूर
कूर
कुपुत्र
कपूत
कुष्ठ
कोढ़
गर्त
गड्ढ़ा
गहन
घना
गम्भीर
गहरा
ग्रंथि
गाँठ
गर्मी
घाम
गायक
गवैया
ग्राम
गाँव
ग्रामीण
गँवार
ग्राहक
गाहक
गात्र
गात
ग्रीष्म
गर्मी
ग्रीवा
गर्दन
गुम्फन
गूँथना
गुहा
गुफा
गोपालक
ग्वाल
गोमय
गोबर
गोधूम
गेहूँ
गोस्वामी
गसुाँई
गौर
गोरा
गो
गाय
गृद्ध
गीध
घट
घड़ा
घटिका
घड़ी
घाटेक
घोड़ा
घतृ
घी
घृणा
घिन
चर्म
चाम
चर्मकार
चमार
चक्रवाक
चकवा
चन्द्र
चादँ
चन्द्रिका
चादँनी
चतुर्दश
चौदह
चतुष्पद
चापैाया
चक्र
चाक (चक्कर)
चतुर्थी
चैथ
चित्रकार
चितेरा
चिक्कण
चिकना
चित्रक
चीता
चूर्ण
चून/चूरन
चैत्र
चैत
चौर
चोर
छत्र
छाता
छिद्र
छेद
छाया
छाँह
जन्म
जनम
ज्योति
जोति/जोत
जामाता
जमाई
जिह्वा
जीभ
जंघा
जाँघ
तण्डुल
तन्दुल
तपस्वी
तपसी
तप्त
तपन
ताम्र
ताम्बा
तिलक
टीका
तीर्थ
तीरथ
तीक्ष्ण
तीखा
तुन्द
तोंद
तैल
तेल
त्वरित
तुरन्त
तृण
तिनका
दधि
दही
दन्त
दाँत
दन्तधावन
दातुन
दद्रु
दाद
दण्ड
डण्डा
दक्ष
दच्छ
दक्षिण
दाहिना
दाह
डाह
दिशान्तर
दिसावर
द्विवर
देवर
दीप
दीया
दीपशलाका
दीयासलाई
दीपावली
दीवाली
दुर्लभ
दूल्हा
दुर्बल
दुबला
दूर्वा
दूब
दौहित्र
दोहिता
दृष्टि
दीठि
द्विगुण
दूना
द्वादश
बारह
द्विपट
दुपट्टा
द्विपहरी
दुपहरी
द्वितीय
दूजा
धर्म
धरम
धरणी
धरती
धूलि
धूरि
धूम्र
धुआँ
धैर्य
धीरज
नग्न
नंगा
नक्षत्र
नखत
नव्य
नया
नयन
नैन
नव
नौ
नम्र
नरम
नकुल
नेवला
नारिकेल
नारियल
नासिका
नाक
नापित
नाई
निम्ब
नीम
निद्रा
नींद
निम्बकु
नींबू
निशि
निसि
निष्ठुर
निठुर
नृत्य
नाच
पक्व
पक्का
पक्ष
पंख
पद्म
पदम
पथ
पंथ
पट्टिका
पाटी
पक्षी
पंछी
पर्यंक
पलंग
पक्वान्न
पकवान
परीक्षा
परख
पश्चाताप
पछतावा
परश्वः
परसों
पर्पट
पापड़
पवन
पौन
परमार्थ
परमारथ
पत्र
पत्ता
परशु
फरसा
पाश
फन्दा
पाषाण
पाहन
पाद
पैर
पिप्पल
पीपल
पिपासा
प्यास
पितृ
पितर
पीत
पीला
पुच्छ
पूँछ
पुष्प
पुहुप
पुष्कर
पोखर
पुत्र
पूत
पूर्व
पूरब
पूर्ण
पूरा
पौष
पूस
पौत्र
पोता
प्रिय
पिय
प्रकट
प्रगट
प्रस्वदे
पसीना
प्रस्तर
पत्थर
प्रतिच्छाया
परछाँई
पृष्ठ
पीठ
फणि
फण
फाल्गुन
फागुन
बधिर
बहरा
बलीवर्द
बैल
बन्ध्या
बाँझ
बर्कर
बकरा
बालकुा
बालू
भक्त
भगत
भद्र
भल्ला
भल्लकु
भालू
भगिनी
बहिन
भम्रर
भौंरा
भागिनेय
भानजा
भिक्षा
भीख
मकर
मगर
मक्षिका
मक्खी
मशक
मच्छर
मस्तक
माथा
मत्स्य
मछली
मयूर
मारे
मल
मैल
मद्य
मद
मदोन्मत्त
मतवाला
महिषि
भैंस
मकर्टी
मकड़ी
मार्ग
मारग
मास
महीना
मणिकार
मणिहार
मातुल
मामा
मातृ
माँ/माता
मित्र
मीत
मिष्टान्न
मिठाई
मुषल
मुसल
मुख
मुँह
मेघ
मेह
मौक्तिक
मोती
मृत्यु
मौत
मतृघट्ट
मरघट
यन्त्र-मन्त्र
जन्तर- मन्तर


यमुना
जमनुा
यज्ञ
जग
यजमान
जजमान
यति
जती
यत्न
जतन
यशोदा
जसोदा
यव
जौ
यद्यपि
जदप
यम
जम
यश
जस
यज्ञोपवीत
जनेऊ
युक्ति
जुगति
युवा
जवान
योगी
जोगी
रज्जु
रस्सी
रक्षा
राखी
राजपुत्र
राजपूत
राशि
रास
रिक्त
रीता
रूदन
रोना
लक्ष्मण
लखन
लक्षण
लच्छन
लज्जा
लाज
लक्ष
लाख
लवण
लौण/नोन
लवणता
लुनाई
लक्ष्मी
लिछमी
लेपन
लीपना
लोमशा
लोमड़ी
लौहकार
लुहार
लौह
लोहा
वणिक्
बनिया
वत्स
बच्चा/बछड़ा
वधू
बहू
वट
बड़
वरयात्रा
बरात
वचन
बचन
वर्षा
बरसात
वर्ण
बरन
वक
बगुला
वाष्प
भाप
वानर
बन्दर
वाणी
बैन
विष्टा
बींट
विवाह
ब्याह
विद्युत
बिजली
वीणा
बीना
विकार
बिगाड़
वंश
बाँस
वंशी
बाँसुरी
व्यथा
विथा
वृक्ष
बिरख/बिरछ
वृद्ध
बूढ़ा
व्याघ्र
बाघ
वृश्चक
बिच्छू
शकर्रा
शक्कर
शकट
छकडा़
शत
सौ
शय्या
सेज
शाक
साग
शाप
सराप
शिक्षा
सीख
शून्य
सूना
शूकर
सूअर
शुण्ड
सूँड
श्वसुर
ससुर
श्यामल
साँवला
श्याली
साली
श्मश्रु
मूँछ
श्वश्रू
सास
श्वास
साँस
श्मशान
मसान
शृंगार
सिंगार
शृंगाल
सियार
शृंग
सींग
श्रावण
सावन
श्रेष्ठि
सेठ
षोडश
सोलह
सरोवर
सरवर
सप्तशती
सतसई
सपत्नी
सौत
सर्प
साँप
सन्ध्या
साझँ
सत्य
सच
साक्षी
साखी
सूत्र
सूत
सूर्य
सूरज
सौभाग्य
सुहाग
स्वप्न
सपना
स्वणर्कार
सुनार
स्थल
थल
स्कन्ध
कंध
स्थान
थान
स्तम्भ
खम्भा
स्नेह
नेह
हरित
हरा
हरिद्रा
हल्दी
हस्तिनी
हथिनी
हर्ष
हरख
हट्ट
हाट
हण्डी
हाँडी
हस्ती
हाथी
हस्त
हाथ
हरिण
हिरन
हास्य
हँसी
हिन्दोला
हिण्डोला
हीरक
हीरा
होलिका
होली
क्षण
छिन
क्षति
छति
क्षत्रिय
खत्री
क्षीर
खीर
क्षीण
छीन
क्षेत्र
खेत
त्रयोदश
तेरह

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