Avikari शब्द / अविकारी शब्द in hindi grammar / avikari शब्द in hindi
अविकारी/अव्यय शब्द :-
अविकारी शब्द का अर्थ :-
अविकारी शब्द किसे कहते हैं परिभाषा
परिभाषा :- वे शब्द जिनके रूप में लिंग , वचन , कारक , काल के अनुसार परिवर्तन नहीं होता है , अविकारी शब्द कहलाते है।
अविकारी शब्द का दूसरा नाम :-
अविकारी शब्द का दूसरा नाम "अव्यय" होता है। इसका अर्थ है -जिसमे कोई परिवर्तन ना हो।
अविकारी शब्द कितने होते है ?
अव्यय या अविकारी शब्द कितने प्रकार के होते हैं?
प्रकार :- अविकारी या अव्यय शब्द के मुख्यतः चार प्रकार के होते है :-
1. क्रियाविशेषण अव्यय
2. समुच्चयबोधक अव्यय
3. सम्बन्धबोधक अव्यय
4. विस्मयादिबोधक अव्यय
1. क्रिया-विशेषण : -
● वे अविकारी या अव्यय शब्द, जो क्रिया की विशेषता बतलाते हैं, उन्हें क्रिया विशेषण कहते हैं।
प्रकार :
● क्रिया विशेषण शब्द मुख्यतः 4 प्रकार के होते है. जबकि कतिपय विद्वान इसके भेद निम्नानुसार करते है :-
(i) कालबोधक क्रिया-विशेषण :-
● वे अव्यय शब्द जो क्रिया के होने या करने के समय का बोध कराते है।
● जैसे :-
उदाहरण :-
1. कब तक आएगा बेटा ?
2. जब मैं घर आया तो वो चली गई थी।
3. कल जब तुम अपने घर जाओ तो अपने पापा से बात करवाना।
4. मैने आज गाड़ी नहीं चलाई।
5. प्रतिदिन सुबह व्यायाम स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है।
6. यह व्यक्ति प्रायः मुझे यहीं मिलता है।
7. सायं के समय मुझे चाय पीना अच्छा लगता है।
8. अभी - अभी मुकेश का फोन आया था ।
9. लगातार परिश्रम करने से सफलता अवश्य मिलती है।
10. अब मेरे पास समय नहीं है।
11. तब तुम्हें बोला था जब तो तुम आये नहीं।
12. पहले खाना खाओ।
13. बाद में खेलने जाना।
(ii) स्थानबोधक क्रिया-विशेषण :-
● वे अव्यय शब्द जो क्रिया के स्थान या दिशा का बोध कराते हैं।
जैसे : -
उदाहरण :-
1. ऊपर देखो ।
2. निचे देख कर मत चला करो, ठोकर लग जायेगी।
3. मेरे पास बैठो, कुछ बात करनी है।
4. दूर क्यों बैठे हो ?
5. इधर एक व्यक्ति बैठा था, वो कहाँ गया ?
6. जो व्यक्ति इधर बैठा था, वो उधर चला गया।
7. महोदय, यहाँ एक थेला पड़ा था ,आपने देखा ?
8. हाँ वहीं, उसी जगह मिलेंग।
9. जहाँ कल मिले थे।
10. जहाँ देखो तहाँ हरियाली नजर आए तो, कितना अच्छा हो ।
11. तुम्हारे दाएँ हाथ को क्या हुआ।
12. बाएँ हाथ की तरह सीधा क्यों नहीं हो रहा है।
13. यहाँ सबसे निकट हॉस्पिटल कौनसा है ?
14. जयपुर जाने वाली बस सामने वाली सड़क पर आयेगी।
15. घर के अंदर कोई है क्या ?
16. नहीं आज सब बाहर गये हैं ।
(iii) परिमाण बोधक क्रिया-विशेषण : -
● वे अव्यय शब्द, जो क्रिया के होने की मात्रा या परिमाण का बोध कराते हैं।
जैसे :-
उदाहरण :-
1. ये तुमने बहुत अच्छा काम किया।
2. अति हर कार्य को बिगाड़ देती है।
3. परिश्रम करोगे तो सफलता अवश्य प्राप्त होगी। ये सवर्था सत्य है।
4. कुछ और कहना है क्या ?
5. थोड़ा पैदल चलना चाहिए।
6. दूध को बराबर मात्रा में डालो।
7. क्या रोज तली हुई चीज़े खाना ठीक है ।
8. पानी कम पीने से कई रोग हो सकते हैं।
9. पानी अधिक पीना चाहिये
10. रवि ने आगे बढ़कर श्याम से हाथ मिलाया।
11. दवा को थोड़ा - थोड़ा पीना , नही तो नुकसान हो सकता है।
12. क्या एंटीबायोटिक दवाओं के दुष्प्रभाव होतें हैं । हाँ होते है पर उतना नहीं जितना तुम सोच रहे हो।
13. खून हमेशा गर्म होता है।
(iv) रीतिबोधक क्रिया-विशेषण : -
● वे अव्यय शब्द, जो क्रिया के होने की रीति का बोध कराते हैं।
जैसे : -
उदाहरण :-
1. पानी धीरे-धीरे पीना चाहिये।
2. मेने श्याम को देखा तो सहसा मुझे याद कि इसने अभी तक मेरे 1000 रुपये नहीं लौटाये हैं।
3. ये मिर्ची बहुत तेज है।
4. ये आम खाने में बहुत मीठा होता है।
5. शायद मैंने आपको पहले भी कहीं देखा है?
6. तुम मेरी बात मानो नहीं तो तुम्हारा बड़ा नुकसान हो जायेगा।
7. ऐसे अचानक कहाँ जा रहे हो ?
8. अभी कुछ समय पहले तो आसमान साफ था । पता नहीं अचानक ये बादल कहाँ से आ गये।
9. मैं अपना काम स्वयं करता हूँ।
10. नि: संदेह तुम ही क्लास First आओगे।
(v) कारण बोधक क्रिया-विशेषण : -
● वे अव्यय शब्द, जो क्रिया के कारण को प्रकट करते है।
जैसे : -
उदाहरण :-
1. देखो जैसे मैं कार्य कर रहा हूँ अगर तुम भी इस तरह कार्य करोगे तो सफलता अवश्य प्राप्त होगी।
2. अतः हमें निरन्तर कार्य करते रहना चाहिए क्योंकि सफलता तभी संभव है।
3. तुमने ये कार्य किस प्रकार किया ?
(vi) स्वीकारबोधक क्रिया-विशेषण : -
● वे अव्यय, शब्द, जो क्रिया की स्वीकृति को प्रकट करते हैं।
जैसे : -
उदाहरण :-
1. अवश्य महोदय जैसा आपने कहा है हम वैसा ही करेंगें।
2. क्या तुम इस व्यक्ति को जानते हो ? मैं इस व्यक्ति को बहुत अच्छे से जानता हूँ।
3. मैने अपना गृहकार्य कर लिया है । बहुत अच्छा किया बेटा
(vii) निरषयोभक क्रिया विशेषण :-
● वे अव्यय शब्द, जे क्रिया के निषेध को प्रकट करते है।
जैसे : -
उदाहरण :-
1. न ही मैं इस जानता हूँ और न ही तुम्हें।
2. नहीं मैं रमेश के घर कभी नहीं जाऊँगा।
3. ना बेटा अपने मामा जी से इस प्रकार बात मत करो
(viii) प्रश्न वाचक क्रिय-विशेषण :-
● वे अव्यय शब्द, जो क्रिया के प्रश्न को प्रकट करते है।
जैसे :-
उदाहरण :-
1. कहाँ रहते हो आज कल ?
2. क्या रिमा ने मना कर दिया ?
(ix) निश्चयबोधक क्रिया-विशेषण :-
● वे अव्यय शब्द, जो क्रिया के निश्चय को प्रकट करते हैं।
जैसे : -
उदाहरण :-
1. वास्तव में गंगाधर ही शक्तिमान है।
2. मुख्यतः ये बातें ध्यान में रखनी चाहिए कि परिश्रम से ही सफलता प्राप्त होती है।
(x) अनिश्वयबोषक क्रिया-विशेषण : -
● वे अव्यय शब्द, जो क्रिया के अनिश्चय को प्रकट करते हैं।
जैसे :-
उदाहरण :-
1. शायद श्याम घर पहुंच गया होगा ?
2. संभवतः उसने खाना भी खा लिया होगा ?
क्रिया विशेषण और सम्बन्ध-बोधक में अन्तर :-
● आगे, पीछे, नीचे आदि शब्द ऐसे हैं जो क्रिया विशेषण भी है तथा सम्बन्ध बोधक अव्यय भी।
● यदि इन शब्दों का प्रयोग क्रिया की विशेषता प्रकट करने के लिए होगा, तो वे क्रिया विशेषण कहलायेंगे, किन्तु जब संज्ञा या सर्वनाम का सम्बन्ध वाक्य के अन्य शब्दों के साथ बताएँगे, तब इन्हें सम्बन्ध बोधक अव्यय कहेंगे।
2. समुच्चय बोधक अव्यय : -
● वे अव्यय शब्द जो दो शब्दों, वाक्यांशों या वाक्यो को जोड़ते हैं, उन्हें समुच्चय बोधक अव्यय या संयोजक शब्द कहते हैं।
प्रकार :
● समुच्चय बोधक अव्यय मुख्यतः दो प्रकार के होते है। (।) सयोजक (II) विभाजक।
(।) संयोजक :-
● ये अव्यय शब्द जो दो शब्दों, वाक्याशों या पाश्यों को जोड़ते हैं।
जैसे :-
उदाहरण :-
1. मैं तुम्हें खाना खिलाने होटल ले जाऊँगा लेकिन सिर्फ़ मैं और तुम ही होने चाहिए।
2. राम और श्याम दो एक ही क्लास में है तथा मोहन भी इन्हीं के साथ है।
3. बच्चे एवं बूढ़े निडर थे।
4. अगर तुम खेलनें नहीं जाते तो तुम्हें चोट नहीं लगती ।
5. वे व्यक्ति अच्छे लगते हैं जो सभ्यता से पेश आते हैं।
6. सुबह कपड़ा लेकर घर से निकला था फिर शाम को जब सारा कपड़ा बिक गया तब घर आया।
7. जितना जल्दी हो सके यथा शीघ्र इस कार्य को पूर्ण किया जाये।
8. तुम मेरी बात मानलो यदि तुमने मेरी बात नहीं मानी तो तुम्हें बहुत बड़ा नुकसान हो सकता है।
9. मेने ये पुराने वाले कपड़े पहने हुए हैं इसलिए तुमने मुझे पहचान लिया शायद।
10. मुझे तुमसे कहना है कि क्या तुम मुझे कुछ पैसे उधार दे सकते हो?
11. तुम मेरी बात मानो मैं सही बोल रहा हूँ।
(II) विभाजक :-
● वे अव्यय शब्द, जो दो शब्दों, वाक्यांशों या वाक्यों में विभाजन का बोध कराते हैं।
जैसे :-
उदाहरण :-
1. रमेश मिला किन्तु बात नहीं हुई।
2. परन्तु तुमने ऐसा किया ही क्यों जबकि मेने तुम्हे मना किया था ।
3. मुकेश मुझे मिला था पर उसने तुम्हारे बारे में कुछ भी नहीं कहा।
4. तुम आज मुझे मेरे पैसे लोटा दो वरना अच्छा नहीं होगा ।
5. रामु न मिला बल्कि उससे मेरी बात भी हुई।
6. न सिर्फ तुम्हें अपना अपितु अपने माता पिता का भी ध्यान रखना चाहिए ।
7. तुम मुझे ऐसे क्यों देख रहे हो क्योंकि मुझे ऐसा लगता कि मैने तुम्हें पहले भी कहीं देखा है।
8. या तो ये गेम लेलो या फिर ये दोनों गेम नहीं मिलेंगे।
9. चाहे तो ये लेलो चाहे तो वो लेलो दोनों नही मिलेगा।
10. मेने ये बात रमेश को इसलिये कही ताकि उसे अच्छा लगे।
11. यद्यपि तुम गंभीर हो फिर भी ये सब लोग अपने है।
12. मेरी बात मानलो अन्यथा तुम्हें पछताना पड़ेगा।
3. सम्बन्ध बोधक अव्यय :-
● वे अव्यय शब्द, जो किसी सज्ञा या सर्वनाम शब्द के साथ लगकर उसका सम्बन्ध वाक्य में प्रयुक्त अन्य शब्द से बताते है, उन्हें सम्बन्ध बोधक अव्यय कहते हैं।
प्रकार :
● सम्बन्ध बोधक अव्यय निम्न 10 प्रकार के होते हैं
(i) काल वाचक : -
उदाहरण :-
1. पहले की बात और थी।
2. पीछे जो छूट जाता है , उसे याद करके क्या फायदा
3. वो भी क्या दिन थे उसके उपरांत जीवन फीका लगता है।
4. आगे बढ़ना ही जीवन है।
(ii) स्थानवाचक : -
उदाहरण :-
1. तुम्हारे सामने रखी किताब देना जिया।
2. भीतर ही रहना बाहर मत आना।
3. हमारे निकट वाले हॉटेल से दही ले आओ।
4. मेने यहाँ किताब रखी थी कहाँ गई ?
(iii) दिशावाचक : -
उदाहरण :-
1. यहाँ आसपास कोई रिचार्ज की दुकान है?
2. यह सड़क किस तरफ जाती है?
(iv) समतावाचक : -
उदाहरण :-
1. इस संसार में भाँति - भाँति के व्यक्ति आपको मिल जाते हैं
2. इस क्लास में राकेश के समान और अच्छा बच्चा कोई नहीं है।
3. योग का अर्थ दो अंको या चीजों को जोड़ने से है
(v) साधनवाचक : -
उदाहरण :-
1. तुम्हारे द्वारा कही गई हर बात मुझे याद है।
2. सहारे से व्यक्ति आगे बढ़ सकता है।
3. हम सब तो केवल माध्यम है।
(vi) विषयवाचक : -
उदाहरण :-
1. बताओ किस विषय में बात करनी है।
2. अब मैं तुम्हारे भरोसे हूँ ।
3. विषय - गली में पानी न आने के बाबत
4. व्यक्ति अपने कर्मों से बड़ा होता है , नाम मे क्या रखा है।
(vii) विरुद्धवाचक :-
उदाहरण :-
1. मंदिर की विपरीत दिशा में एक गली है उसी में मेरा घर है।
2. तुम हमेशा मेरे विरुद्ध ही क्यों रहते हो।
3. ये कोई नई बात तो नहीं वो तो हमेशा हीं मेरे खिलाफ बोलता है।
4. मेने तुम्हें बचाया और तुम उलटे मुझे ही मार रहे हो
(viii) संग वाचक : -
उदाहरण :-
1. साथ काम करने से काम जल्दी हो जायेगा।
2. संग रहना चाहिए।
3. सहचर अच्छा होना चाहिये।
(ix) हेतु वाचक :-
उदाहरण :-
1. सिवा तेरे मैं किसी के साथ नहीं जा सकता।
2. मेरे लिए कुछ समय मिल सकता है ?
3. इस कारण तुम फेल हुये हो
4. बिल्कुल मेरा समय तुम्हारा ही तो है तुम्हारे वास्ते तो मैं यहाँ आया हूँ।
(x) तुलनावाचक : -
उदाहरण :-
1. इसकी अपेक्षा यह वाले आम अच्छे हैं।
2. तुमने दुबारा ऐसा किया आगे भी तुम ऐसा कर चुके हो
3. इस दुकान की बजाए सामने वाली दुकान में सामान अच्छा लगता है।
4. विस्मयादिबोधक अव्यय :-
● वे अव्यय शब्द, जो आश्चर्य, विस्मय, शोक, घृणा, प्रशंसा, प्रसन्नता, भय आदि भावों का बोध कराते हैं, उन्हें विस्मयादिबोधक अव्यय कहते है।
प्रकार :
● उक्तभावों के अनुसार इनके निम्न भेद किए जाते हैं :-
(i) आश्चर्य बोधक :-
उदाहरण :-
1. क्या तुम एग्जाम में पास नही हुये ? पर कल तो तुम कह रहे थे कि तुमने क्लास टॉप की है।
2. अरे एक तो तुमने इतना बड़ा झुठ बोला और ऊपर से मुस्कुरा रहे हो
3. अहो तो ये बात पहले कहनी चाहिए थी ना।
4. क्या है ये ?
5. सच क्या मेरा बेटा टीचर बन गया
6. ओह कितनी खुशी की बात है और तुम रो रही हो
7. ओहो तो ये इस गुफा में जाने का दूसरा दरवाज़ा हैं।
8. लड़के रुक मेने तुझे पहले भी देखा है ओ हाँ तू तो मोहन है ना ऐं कितना बड़ा हो गया रे तू तो
(ii) शोक बोधक :-
उदाहरण :-
1. उफ कितनी बड़ी गलती की है
2. आह अब इस गलती को सही कैसे करें
3. हाय मेरा बेटा
4. हे राम अब क्या होगा
5. राम - राम अब ये देखना ही बाकी रह गया था
(iii) हर्ष बोधक :-
उदाहरण :-
1. वाह कितनी खुसी की बात है तुम्हारी बेटी की शादी तय हो गई
2. धन्य हो भगवान आखिरकार आपने हमारी सुन ली ।
3. अहा दीदी की शादी होगी।
(iv) प्रशंसा बोधक :-
उदाहरण :-
1. शाबाश बेटा शाबाश ऐसे ही तरक्की करते रहो
2. वाह क्या शॉट मारा है।
3. अति सुंदर अविश्वसनीय ऐसे शॉट तो सचिन तेंदुलकर खेला करते थे
(v) क्रोध बोधक :-
उदाहरण :-
1. अरे अब बस भी करो ।
2. चुप एकदम चुप एक शब्द भी मत बोलना ।
(vi) भय बोधक :-
उदाहरण :-
1. हाय मेरा बच्चा।
2. बाप रे अब क्या होगा
(vii) चेतावनी बोधक :-
उदाहरण :-
1. खबरदार, अगर तुमने दोबारा ऐसा कहा तो ठीक नहीं होगा।
2. बचो , सामने से एक कार तेज रफ्तार में आ रही है ।
3. सावधान, आगे रास्त बंद है।
(viii) घृणा बोधक :-
उदाहरण :-
1. छि: छि: कितना गंदा आम हैं।
2. धिक्कार है तुम पर धिक्कार जो तुम अपने भाई के साथ गली गलोच किया
3. उफ कितनी गर्मी है आज।
4. धत् ऐसी बातें मत करो ।
5. लोग तुम पर थू-थू कर रहे हैं क्योंकि तुमने अपने भाई के साथ गाली गलौज किया।
(ix) इच्छा बोधक :-
उदाहरण :-
1. काश , में देश का प्रधानमंत्री होता ।
2. हाय रे ये क्या हो गया ।
(x) सम्बोधन बोधक :-
उदाहरण :-
1. अजी ये भी खूब रही के मैं काम करू और तुम आराम करो।
2. हे, लड़के यहाँ आ।
3. सुनते हो, हमारे चिंटू ने क्लास टॉप की है ।
(xi) अनुमोदन बोधक :-
उदाहरण :-
1. अच्छा है, ऐसे ही आगे बढ़ते रहो
2. हाँ मैं घर पे ही हूँ कल ।
3. ठीक है, मैं कल तुम्हारे घर आ रहा हूँ।
(xii) आशीर्वाद बोधक :-
उदाहरण :-
1. शाबाश बेटा, ऐसे ही क्लास में प्रथम स्थान लाते रहो।
2. रमेश अपने फुंफ़ा जी प्रणाम करता है तो फुंफ़ा जी कहते हैं "जीते रहो बेटा"
3. 'सदा खुश रहो' नेहा ने संदिप से अपने पैर छूने पर कहा ।
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